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शीर्षकः- तू निकल या न निकल

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                        तू निकल या न निकल       तू निकल या न निकल मुझे निकलना होगा क्षण-क्षण के महत्त्व को समझना होगा राह में अकेला यूं ही  जीवन के लिए परिश्रम करना होगा तू निकल या न निकल मुझे निकलना होगा।।            छोटी- सी गलियों से          निकल कर आया हूं मैं          समाज के ताने सुन-सुन          अपने को संभाला हूं            ये ताने-बाने मुझे उलझा रही          रिश्ते नाते भी ठुकरा रही         सफलता के लिए कुछ करना होगा         तू निकल या न निकल          मुझे निकलना होगा।।                                 लेखक:-  नितेश कुमार झा                 ...

"अयोध्या राम मंदिर" पर पंक्तियां

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 *"अयोध्या राम मंदिर"पर महत्त्वपूर्ण 4 लाइन की पंक्तियां:👇✍️ त्रेता युग के आए राम प्रा ण प्रतिष्ठा होंगे भगवान । शुभ घड़ी आने वाली जगत में हैं छाने वाली ।।                     ये पंक्ति राम मंदिर के ऊपर हैं। जिसमें भगवान राम जी के प्राण प्रतिष्ठा होंगे उसी को लेकर कवि नितेश कुमार झा ने यह रचना किया हैं । उन्होंने बहुत ही सहजता से  पुरुषोत्तम राम के गुणगान किया हैं। इनका यह प्रयास निश्चित ही त्रेता युग को भी इंगित करता है । अर्थात् कवि कहना चाहते हैं कि अब भारत वर्ष में फिर से राम राज्य की शुरुआत होगा । जो जगत को मार्ग प्रशस्त करेगा । झा जी ने कहा की इसका रूपांतर संस्कृत में अनुष्टुप छंद में करेंगे । और जल्द ही इसी ऑफिशियल वेबसाइट पर सर्वप्रथम रखा जाएगा।

slbsrsv Admission के संबंध में जानकारी........

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 श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली में नामांकन हेतु सूचना को एक बार अवश्य देखें । इन छात्रों का नाम आ गया है । M.A कोर्स में अपना देखकर जल्दी से जल्दी डॉक्यूमेंट्स verification अवश्य करा लें। अधिक जानकारी के लिए मुझसे संपर्क करें। मो. न.6200493109

आधुनिक समय में क्या करें और ज्ञान का महत्त्व(ज्ञान हैं तो जहान हैं

 सुविचार  आज मैं आपको 2 topic पर विचार साझा करूंगा और उसका सुझाव भी बताऊंगा । 1.आधुनिक समय में क्या करें                     इस समय में आप हरेक क्षेत्र में competition देखने को मिलेगा क्योंकि यह एक ऐसा समय हैं जिसमें आपको आपने field में बहुत ज्यादा Hard work करने की जरूरत हैं जिससे आप उस field में निपुण हों जाय ।                 As you are aware अभी हमें perfect होना ही पड़ेगा वरना आप पीछे छूट जायेगा और जो आपसे पीछे था वह आगे बढ़ जायेगा इसलिए आपको Hard work करके अपने लक्ष्य को प्राप्त करना होगा और आप आपने मस्तिक में यह विचार को बैठा लेना चाहिए                   इस दौड़ में जो पीछे छूट गया वह always के लिए पीछे ही रह जायेगा you would know that यह संसार बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ रहा हैं उसी के according आपको भी ढालना होगा तभी आप। इस युग के आनंद ले सकते हैं । और एक बात ओर की कभी भी अपने time को व्यर्थ में मत जानें दो समय ही हमारा सबसे बड...

प्रत्येक व्यक्ति को इन श्लोकों याद होना चाहिए और इसका अनुसरण करना चाहिए (श्लोक एवं अर्थ)

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 1.देवो रुष्टे गुरुस्त्राता गुरो रुष्टे न कश्चन:। गुरुस्त्राता गुरुस्त्राता गुरुस्त्राता न संशयः।।  अर्थ:-भाग्य रूठ जाए तो गुरु रक्षा करता है, गुरु रूठ जाए तो कोई नहीं होता। गुरु ही रक्षक है, गुरु ही रक्षक है, गुरु ही रक्षक है, इसमें कोई संदेह नहीं।। इसलिए आप सब से आग्रह है कि अपने गुरु का आदर करें । उन्हें चरण स्पर्श करें जिससे आपके जीवन में ज्ञान की गंगा प्रवाहित हों सकें। 2.सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात् , न ब्रूयात् सत्यम् अप्रियम् । प्रियं च नानृतम् ब्रूयात् , एष धर्मः सनातन: ॥ अर्थ:-सत्य बोलना चाहिये, प्रिय बोलना चाहिये, सत्य किन्तु अप्रिय नहीं बोलना चाहिये । प्रिय किन्तु असत्य नहीं बोलना चाहिये ; यही सनातन धर्म है ॥ आप अपने जीवन में सदा इन कथनों का ध्यान रखें जिससे आपको अपने जीवन में कभी भी नहीं समस्या आयेगा और आप सर्वदा विजय होंगे । 3.भूमे:गरीयसी माता,स्वर्गात उच्चतर:पिता। जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गात अपि गरीयसी।।  अर्थ :- भूमि से श्रेष्ठ माता है, स्वर्ग से ऊंचे पिता हैं। माता और मातृभूमि स्वर्ग से भी श्रेष्ठ हैं। एक बात हमेशा आप सब याद रखिएगा कि संसार में माता पिता ...

हमारे देश का नाम 'भारत' अथवा 'इंडिया ' कैसे पड़ा?

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 आप सब को बता दें कि हम लोग जिस देश में निवास करते हैं उस देश का नामकरण कैसे पड़ा। यह हरेक भारतवासी को समझना चाहिए जिससे उन्हें भी यह जानकारी मिल सके। हमारे देश को ' इंडिया ' या ' भारत 'कहा जाता है । इंडिया लैटिन या रोमन भाषा का शब्द है जिसकी व्युत्पत्ति ' इंडस ' शब्द से हुई है ।भारत के उत्तर पश्चिम में स्थित सिंधु नदी को यूनानी लोग इंडोस कहते थे । ईरान और उसके पास वाले लोग 'स ' का सही उच्चारण  नहीं कर सकने के कारण 'सिंधु ' को हिंदू कहने लगे इसलिए भारत का नाम 'इंडोस' से 'इंडिया' और  'हिंदू' से हिंदुस्तान चल पड़ा।   विष्णु पुराण में कहा गया है कि "महासागर के उत्तर में और हिमाचल पर्वत के दक्षिण में में स्थित यह देश भारतवर्ष है जहां भरत (शकुंतला से उत्पन्न दुष्यंत के पुत्र) की संतति निवास करती है अतः भरत के नाम पर इस देश का नाम भारतवर्ष पड़ा ।" Facebook page link:- https://www.facebook.com/459044514934758/posts/936607943845077/?app=fbl ( Samyak Education) Youtube link:- https://youtube.com/channel/UCV7H1vwIrt0BY3...

संस्कृत संभाषण से पूर्व ये सभी को जानकारी होना चाहिए (संस्कृत सामान्य परिचय लिंग, वचन, पुरुष, वाक्य, शब्द।)

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संस्कृत परिचय लिङ्ग परिचयः संस्कृत में लिङ्ग तीन प्रकार के होते हैं:- १. पुल्लिङ्ग:-जिससे पुल्लिङ्ग अर्थात् पुरुष जाति का बोध हों , उसे पुल्लिङ्ग कहते हैं। यथा:-रामः, बालकः, पुरुषः, गजः , वानरः इत्यादि। २. स्त्रीलिङ्ग: - जिससे स्त्री अर्थात् महिला वर्ग का बोध हो, उसे स्त्रीलिङ्ग कहते हैं। यथा:-रमा, महिला, अजा, चटका, मापिका, सीता, गीता इत्यादि। ३. नपुंसलिङ्ग:-जिससे पुरुष या स्त्री वर्ग का बोध न होकर अर्थात् अन्य का बोध हों , उसे नपुंसलिङ्ग कहतें हैं। यथा: फलम्, वृक्षम्, पत्रं, चित्रम् इत्यादि। वचन संस्कृत में वचन तीन प्रकार के होते हैं। १.एकवचनम् :- जिससे एक व्यक्ति या वस्तु का बोध हों उसे एकवचन कहते हैं। यथाः - बालकः, वृक्षम् , गीता, रामः, बालिका, इत्यादि २. द्विवचनम् :- जिससे एक से अधिक अर्थात् दो व्यक्तियों का बोध हों, उसे द्विवचन कहते हैं। यथा:-रामौ, पुस्तके, बालिके, वृक्षे इत्यादि। ३. बहुवचनम् :- जिससे दो से अधिक लोगों का बोध हों, उसे बहुवचन कहते हैं। यथाः - रामा:, पुस्तकानि,बालिका: इत्यादि। पुरुषः संस्कृत में पुरुष तीन प्रकार के होते हैं। १. प्रथम् पुरुषः - किसी नाम या सर्वनाम को ...