शीर्षकः- तू निकल या न निकल
तू निकल या न निकल
मुझे निकलना होगा
क्षण-क्षण के महत्त्व
को समझना होगा
राह में अकेला यूं ही
जीवन के लिए
परिश्रम करना होगा
तू निकल या न निकल
मुझे निकलना होगा।।
छोटी- सी गलियों से
निकल कर आया हूं मैं
समाज के ताने सुन-सुन
अपने को संभाला हूं
ये ताने-बाने मुझे उलझा रही
रिश्ते नाते भी ठुकरा रही
सफलता के लिए कुछ करना होगा
तू निकल या न निकल
मुझे निकलना होगा।।
लेखक:- नितेश कुमार झा
Fb:-Nitesh Kumar Jha
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